बाजार में मौजूद निवेश के विकल्पों में से एक म्यूचुअल फंड (MF) में निवेश करके पैसे को कई गुना बढ़ाया जा सकता है। बता दें कि मौजूदा समय में निवेशकों के लिए मार्केट में कई तरह के म्यूचुअल फंड (MF) मौजूद हैं। उन्हीं में से एक हैं डेट फंड (Debt Mutual Fund)। डेट फंड में निवेश करके आपका पैसा सुरक्षित तो रहता ही है साथ ही रिटर्न भी अच्छा खासा मिलता है। डेट फंड की क्या खासियत है और इसमें निवेश करके निवेशकों को क्या फायदा मिलता है। आइए जानते हैं इस आर्टिकल में Debt Fund Kya Hai और DEBT Fund के क्या फायदे हैं? जानने की कोशिश करते हैं।
Debit fund mutual fund की तरह ही एक Fund होता है।
Debt Fund क्या है?
बाजार में पैसो को निवेश करने के लिए म्यूच्यूअल फण्ड सबसे भरोसेमंद माना जाता है। क्योंकि म्यूच्यूअल फण्ड अपना पैसा विभिन्न जगहों पर लगता है और इसी कारण से म्यूच्यूअल फण्ड निवेशकों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है।
वही डेब्ट फण्ड म्यूच्यूअल फण्ड के अन्दर आने वाला एक ऐसा फण्ड है, जो की अपने पैसों को मुख्य रूप से कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपोजिट में या फिर ब्रांड्स में निवेश करता है। एक डेब्ट फण्ड पैसों का 65 % हिस्सा ब्रांड और बैंक डिपोजिट में निवेश करता है।
डेब्ट फण्ड का पैसा मुख्य रूप से गवर्नमेंट बांड्स , कंपनी बांड्स , कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपाजिट और बैंक डिपाजिट में निवेश किया जाता है। और बाकि शेष पैसा इक्विटी यानि शेयर्स में इन्वेस्ट किया जाता है।
डेब्ट फण्ड के फायदे
डेब्ट फण्ड (Debt Fund) के कई फायदे है। जिनमे से सबसे बड़ा फायदा यह है की इसका पैसा फिक्स्ड रिटर्न देने वाले ब्रांड में लगाया जाता है। इस कारण से इनमे नुकसान की गुंजाईश नहीं रहती और पैसों के डूबने का खतरा भी कम रहता है।
डेब्ट फण्ड का पैसा फिक्स्ड डिपोजिट जैसे ब्रांड्स में लगाया जाता है तो इससे ज्यादा रिटर्न नहीं मिलते और यही कारण है की लोग इसमें निवेश कम करते है।
लेकिन अगर debt fund की तुलना बैंक फिक्स्ड डिपाजिट से की जाये तो डेब्ट फण्ड में बैंक फिक्स्ड डिपोजिट से ज्यादा रिटर्न मिलता है।
डेब्ट फण्ड की इंटरेस्ट रेट
डेब्ट फण्ड इंटरेस्ट रेट बैंक के फिक्स्ड डिपोजिट से कई ज्यादा होती है। बैंक के फिक्स्ड डिपोजिट में आपको जो इंटरेस्ट मिलता है। उससे कई गुना ज्यादा इंटरेस्ट आपको डेब्ट फण्ड में मिलता है।
डेब्ट फण्ड अपना पैसा फिक्स्ड डिपोजिट में लगते है तो इसी कारण से इनका इंटरेस्ट रेट हमेशा बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट से ज्यादा रहता है।
आसान पेपरवर्क
म्यूचुअल फंड से जुड़ा पेपरवर्क उलझाऊ नहीं होता है। आप म्यूचुअल फंड स्टेटमेंट की सॉफ्टकॉपी हासिल कर सकते हैं। अगर आप इसे खो भी दें तो कोई फर्क नहीं पड़ता है। आप रिडेम्प्शन स्लिप पर दस्तखत करें और फंड हाउस में उसे जमाकर अपना पैसा वापस ले लें। इसके मुकाबले बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट रिसीट अगर खो जाए तो आपको काफी पेपरवर्क करना पड़ सकता है।
बेस्ट डेब्ट फण्ड
यह कुछ डेब्ट फण्ड है जो की लॉन्ग टर्म के लिए सबसे बेस्ट डेब्ट फंड्स है।
Reliance Low Duration fund
Aditya Birla Sun Life Savings Fund
Aditya Birla Sun Life Medium Term Plan
UTI Treasury Advantage Fund
DSP Credit Risk Fund
डेब्ट फण्ड में सिप
अगर आप डेब्ट फण्ड में निवेश करके अच्छा पैसा बनाना चाहते है तो डेब्ट फण्ड में सिप करना बहुत ही फायदेमंद है। लेकिन अगर आप डेब्ट फण्ड में सिप कर ही रहे है तो आपको लॉन्ग टर्म के लिए डेब्ट फण्ड में सिप करना चाहिए।
डेब्ट फण्ड रिटर्न्स
डेब्ट फण्ड में निवेश एक फायदे का सोदा है और इसी कारण से अगर आप डेब्ट फण्ड में निवेश करते है तो आपको डेब्ट फण्ड रिटर्न्स बहुत ही अच्छा मिलेगा। क्योंकि यह बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट से ज्यादा रिटर्न देता है और यह सुरक्षित भी है।
3 साल बाद निकालने पर LTCG
डेट फंड को 3 साल बाद निकलने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) लगता है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दर बिना इंडेक्सेशन (Indexation) के 10 फीसदी होगी और Indexation के साथ 20 फीसदी। इंडेक्सेशन निवेश के मुनाफे पर टैक्स देनदारी को कम करने का जरिया है। इस तरीके में निवेश पर लगी रकम को महंगाई के अनुपात में बढ़ा लिया जाता है। निवेश की रकम ज्यादा दिखाने से मुनाफा कम आता है और फिर टैक्स की देनदारी भी कम हो जाती है।
3 साल पहले निकालने पर STCG
3 साल के पहले डेट म्यूचुअल फंड यूनिट्स को बेचने पर हुई आमदनी पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स चुकाना पड़ेगा। इस शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन को आपकी कुल आमदनी में जोड़ा जाएगा और फिर Tax Slab के हिसाब से Tax की गणना की जाएगी।
नोट: निवेशक निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें। म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। निवेशक स्वयं के विवेक के आधार पर निवेश के फैसले लें।